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Saturday 6 April 2019

What is the prayer of fasting

उपवास की प्रार्थना से होता क्या है
ध्यान दें उपवास की प्रार्थना कोई जादू की छड़ी नहीं कि इतना से इतना बार करो और कोई भी काम हो जाएगा : नहीं मेरे प्रियो ऐसा नहीं आईए हम बाइबिल में से देखें की लोगों ने किन किन कारणों से कब-कब उपवास किया

जब मूसा ने उपवास के साथ प्रार्थना की तब उसे जीवित वचन मिले
देखें निर्गमन 34:28}

जब राजा यहोशापात उपवास के साथ प्रार्थना की तब उसे मार्गदर्शन और अपने शत्रु के ऊपर विजय मिली
देखें 2 इतिहास 20:1-15}

जब नहेमायाह उपवास के साथ प्रार्थना की तब वह राजा की दृष्टि में दया पाई
और अपने लोगों के लिए छोड़ोती का कारण बन सका
देखें नहेमायाह 1:1-11}

एज्रा ने अपने और अपने लोगों के लिए
शत्रुओं से सुरक्षा के लिए और वह अच्छे से अपना स्थान में पहुंचे इसके लिए उपवास की प्रार्थना
देखें एज्रा 8:21-23}

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रानी एस्तेर ने जब उपवास की प्रार्थना की तब वह और उसके अपने लोग एक बहुत ही बड़ी समस्या से बाहर आ सके और उसका परिवार बचाया गया और वह एक निर्भीक काम को कर सखी जिसे करने के लिए बहुत ही साहस की जरूरत थी
देखें एस्तेर 4:16}

जब नीनवे के लोगों ने उपवास के साथ प्रार्थना की तब उनका देश नाश होने से बचाया गया देखें योना 3:6-10}

जब प्रभु यीशु ने उपवास के साथ प्रार्थना की तब मजबूती के साथ वचन के द्वारा
शैतान व्यक्तियों के ऊपर विजय हुआ
देख मत्ती 4:2-10)

यह हमारे जीवन में चंगाई को भी लेकर आता है: देखें निर्गमन 23:25}

उपवास की प्रार्थना यह तो हमारे जीवन मैं से बंधनों को भी तोड़ देती है
देखें 2 कुरिन्थियों 3:17}

{एक बार महान परमेश्वर के एक दास ने कहा

#अब बहुत ही ध्यान से पढ़ें क्योंकि हम एक रहस्य को सीखने जा रहे हैं

[[जब चेलों ने एक बार एक दुष्ट आत्मा को
नहीं निकाल पाए तो उन्होंने प्रभु से कहा हम उसे क्यों नहीं निकाल पाए

प्रभु ने कहा अपने विश्वास की घटी के कारण लेकिन फिर वह आगे कहता है यह जाती बिना उपवास और प्रार्थना के नहीं निकलती
देखें मत्ती 17:19-21}

ध्यान दें उपवास के साथ प्रार्थना यह हमारे विश्वास की घटी को पूरा करता
अर्थात यह हमारे विश्वास को बढ़ाता और मजबूत करता है इस बात को कभी भूलो मत}


उपवास कई प्रकार के होते हैं
केवल खाना पीना को छोड़ना ही उपवास नहीं होता

उपवास का अर्थ जो बातें हमें पसंद है यह हमारे लिए जरूरी है ऐसी बातों से दूर होकर प्रार्थना और वचन में समय बिताना

इसकी सूची लंबी है लेकिन कुछ सूची

{1}यदि हमें यहां वहां के फालतू बातें करना पसंद है

{2}या मोबाइल में घंटों व्यर्थ समय बिताना

तो उस समय को परमेश्वर की उपस्थिति में बताना यह भी एक उपवास है और ऐसा उपवास परमेश्वर चाहता है कि हम हमेशा करें

लेकिन यदि हम खाना पीना को छोड़ कर उपवास करते हैं तो हमें अपनी क्षमता के अनुसार करनी चाहिए
क्योंकि कुछ लोग ज्यादा भूखे होने के कारण चिड़चिड़े बन जाते हैं और ऐसा उपवास परमेश्वर को पसंद नहीं
अवश्य देखें यशायाह 58:3-4}

क्या लोगों को पता चलने से हमारा उपवास व्यर्थ हो जाता है
नहीं :आप अपने परिवार के लोगों से कह सकते हैं कि वह आपके लिए खाना ना बनाएं
इस बात को हमेशा याद रखें की परमेश्वर ह्रदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है

कुछ लोग सुबह से लेकर दोपहर या सुबह से लेकर शाम तक यह कई कई दिन तक खाना पीना छोड़ के परमेश्वर की उपस्थिति में समय बिताते हैं कुछ लोग ठोस खाना नहीं खाएंगे लेकिन पानी चाय जूस यह सब पीते हैं

मैं जब उपवास करता हूं तब सुबह से शाम तक कुछ नहीं खाता लेकिन रात का भोजन करता हूं और उस पूरे समय को परमेश्वर की उपस्थिति में

दिल खोल के आराम से
स्तुति आराधना वचना को पढ़ने मनन करना सच्चे और अच्छे प्रचारक को सुनना प्रभु के गीतों को सुनना ऐसा करके {{उस पूरे समय को परमेश्वर की उपस्थिति में बिताने की कोशिश में रहता}}

जब भी आप उपवास करें तो उस पूरे समय को परमेश्वर की उपस्थिति में
बिताएं कोई महत्वपूर्ण काम हो तो करें अन्यथा वह पूरे समय को परमेश्वर की उपस्थिति में बताएं

यदि हम परमेश्वर की उपस्थिति में समय को नहीं बिताते तो हमारा उपवास व्यर्थ है क्योंकि

{सच्चा उपवास का अर्थ सब बातों से दूर होकर सच्चाई के साथ परमेश्वर की उपस्थिति में उस पूरे समय बिताना है}

हमें हर दिन गुस्से से दूर रहना है लेकिन हमें उपवास के दिन और भी सतर्क रहना है देखें यशायाह 58:3-4}

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उपवास के दिन को प्रभु के खुश रहने का दिन भी कहा जाता है अर्थात वह दिन प्रभु की खुशी के लिए जीना
देखें यशायाह 58:5-8}

हमें उपवास लोगों को दिखाने वाहवाही
के लिए नहीं करना चाहिए और ना ही गलत उद्देश से इसे करना चाहिए उदाहरण के लिए

कई लोग पतले होने के कारण उपवास करते हैं वह सोचते हैं चलो उपवास भी हो जाएगा और हम पतले भी हो जाएंगे
ऐसा भी करना ठीक नहीं

इसीलिए परमेश्वर से चलाकी नहीं
उपवास सही उद्देश्य के साथ करें}

उपवास के दिन तेल लगाओ?
नहीं तो परमेश्वर प्रार्थना नहीं सुनेगा
इस प्रकार से कुछ लोग हैं
जो वचनों को गलत तरीके से लेते हैं}

{उपवास के दिन तेल लगाना नहीं लगाना
यह हमारी इच्छा ऐसा कोई नियम नहीं है
क्योंकि

पुराने समय में जब लोग उपवास करते थे तब टाट पहिने के सिर पर धूल डालें
राख पर बैठ के जो दुख को दर्शाता था
देखें नहेमायाह 9:1}

लेकिन लोगों ने इसे पाखंड अर्थात लोगों को दिखाने के लिए कि हम उपवास कर रहे हैं इस्तेमाल करने लगे

इसीलिए प्रभु ने कहा अपने सिर पर तेल मल और अपना मुंह धो जो खुशी को दर्शाता है जिसका सारांश है कि हम लोगों को दिखाने और गलत उद्देश्य के साथ उपवास ना करें
देखें मत्ती 6:17-18}


मैं फिर कहता हूं

{सच्चा उपवास का अर्थ सब बातों से दूर होकर सच्चाई के साथ परमेश्वर की उपस्थिति में समय बिताना है}

हमने बाइबिल में से लोगों को देखा कि उन्होंने किन किन कारणों से उपवास किया और उन्हें वह प्राप्त हुआ

आप परमेश्वर से प्रार्थना करें
फिर आपको जैसे अगवाई मिले अपनी क्षमता के अनुसार उपवास करें

जैसा कि मैंने पहले भी कहा उपवास या कोई जादू की छड़ी नहीं है

{सच्चा उपवास का अर्थ सब बातों से दूर होकर सच्चाई के साथ परमेश्वर की उपस्थिति में समय बिताना है}

हमने बाइबिल में से लोगों को देखा कि उन्होंने किन किन कारणों से उपवास किया और उन्हें वह प्राप्त हुआ

आप परमेश्वर से प्रार्थना करें
फिर आपको जैसे अगवाई मिले अपनी क्षमता के अनुसार उपवास करें

जैसा कि मैंने पहले भी कहा उपवास या कोई जादू की छड़ी नहीं है
लेकिन सच्चा उपवास हमारे संबंध को परमेश्वर के साथ मजबूत बनाता है जिसके द्वारा हम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते जाते हैं
इसीलिए यदि हम परमेश्वर के साथ एक मजबूती का संबंध चाहते हैं तो उपवास के साथ प्रार्थना करे}

आप भी इसे प्रार्थना के साथ दूसरों को बाट के आशीष दे सकते हैं

कृपया ध्यान दें मैंने इस संदेश को  पवित्र आत्मा और उसके  लोगों के द्वारा सीखा !

इसलिए सारा आदर और महिमा केवल प्रभु को मिले !! आमीन !!

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