*(1)- परमेश्वर का नाम क्या है?*
बहुत सारे बार मुसल्मान लोग मसीहों के पास आकर यह कहते हैं कि जिस ख़ुदा की उपासना तुम करते हो, उसी ख़ुदा की उपासना हम भी करते हैं, यानी हम दोनों का ख़ुदा एक ही है।
इस बात को सुनने के बाद बहुत सारे मसीही लोग उसे टालदेते हैं । लेकिन कुछमसीही लोग जो इस विषय के बारे में अज्ञान हैं उसे सच मानकर बैठते हैं।
इसीलीए हमें इस बात को जानना बेहद ज़रूरी है । तो आइये हम इस बात को पुरी तरह से जाँचेंगे।
*(2)- अल्लाह शब्द का अर्थ क्या है ?*
अल्लाह शब्द अरबी भाषा का है, और अरबी भाषा में उसका अर्थ है "निर्दिष्ट ख़ुदा"। अल्लाह शब्द अरबी भाषा में *"अल" और "इलाह"* शब्दों को जोड़ने से पैदा होता है। *"अल"* का अर्थ है - *"ख़ास या निर्दिष्ट"* और *"इलाह"* का अर्थ है - *"परमेश्वर" या "ख़ुदा"।* इसे आमतौर पर मुसल्मान लोग उन के ख़ुदा के लिए प्रयोग करते हैं। *अल्लाह* कोई एक नाम नहीं है। *कुरआन* में कहीं भी *परमेश्वर अपना नाम "अल्लाह"* नहीं बताया है।
इससे से हमें साफ़ - साफ़ पता चल रहा है कि "अल्लाह" शब्द एक नाम नहीं है, क्यों कि एक नाम को कोई भी दूसरे शब्दों में अनुवाद नहीं कर सकता । और *कुरआन या बाइबल* में हम ऐसा कहीं नहीं देखते हैं कि ख़ुदा ने यह कहा हो कि *"मेरा नाम अल्लाह है"।* और भी हैरत की बात यह है कि अगर हम *कुरआन* के *पुराने अनुवादों* को पढ़ते हैं तो उन में पाते हैं कि बहुत सारे अनुवादकों ने *"अल्लाह" शब्द को भी "ख़ुदा" या " गाढ" (अंग्रेज़ी) के शब्दों से अनुवाद करचुके हैं।*
इस से भी हमें पता चलता है कि *"अल्लाह"* शब्द एक नाम या "व्यक्तिवाचक संज्ञा" नहीं है, उस का अर्थ तो सिर्फ़ *"ख़ुदा"* है।
लेकिन इस बात से आज मुसल्मान लोग सावधान होगये हैं कि उन को परमेश्वर या ख़ुदा का नाम तक पता नहीं है। इस कारण से *"अल्लाह"* शब्द को ख़ुदा का नाम बता रहें हैं। पर सच यह है कि *अल्लाह या ख़ुदा* ने कभी भी, यह नहीं कहा है कि - *"मेरा नाम अल्लाह है"।*
*तो ख़ुदा का असली नाम क्या है?*
<
क्या *ख़ुदा* ने कभी अपना *व्यक्तिगत या निजी* नाम बताया है? *जी हाँ* बाइबल में बताया है। आइये हम देखेंगे।
*बाइबल* में *परमेश्वर* अपना *व्यक्तिगत या निजी* नाम बयान किया है।
*मूसा नबी ने ख़ुदा से अपना नाम पूछा -*
*निर्गमन 3:13 -* मूसा ने परमेश्वर से कहा,"जब मैं इस्राएलियों के पास जाकर उनसे कहूँ, ‘तुमहारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है’, तब यदि वे मुझ से पुछें, उसका कया नाम है? तब मैं उनको कया बताऊँ"?
तब परमेश्वर ने पेहले अपने अस्तित्व या वजूद बताया -
*निर्गमन 3:14 -* परमेश्वर ने मूसा से कहा, *"मैं जो हूँ सो हूँ"।*
हमेशा जीवित रहना परमेश्वर का वजूद या पहिचान या अस्तित्व है।
*उसके बाद परमेश्वर ने मूसा को अपना नाम बताया -*
*निर्गमन 3:15* फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा "तू इस्राएलियों से यह कहना, तुमहारे पितरों के परमेश्वर, अर्थात अब्राहम का परमेश्वर,इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर *"यहोवा",* उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेग, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा"।
परमेश्वर ने अपना नाम और भी बहुत बार बयान किया है ।
*यशयाह 42:8* " मैं *यहोवा* हूँ, मेरा नाम यही है ",
*यशयाह 48:2* " इस्राएल के परमेश्वर... जिसका नाम सेनाओं का *यहोवा है*..."
*निर्गमन 6:2* "परमेश्वर ने मूसा से कहा, " *मैं यहवा हूँ* "
*निर्गमन 20:2* " मैं तेरा परमेश्वर *यहोवा* हूँ "
तो हमें साफ़ - साफ़ पता चलरहा है कि *परमेश्वर* ने स्वयं अपने मुँह से यह स्वीकार किया है और बयान भी किया है कि अपना नाम *"यहोवा" है।*
यह नाम *"यहोवा" अत्यंत पवित्र* मना जाता है। इस नाम का उच्छारण करने से भी लोग ड़रते थे। इन वजहों के कारण - *अंग्रेज़ी बाइबल* में बहुत बार इस शब्द की जगह में - *"लार्ड़"* शब्द प्रयोग किया गाया है, लेकिन *"लार्ड़"* उसका अर्थ नहीं है, बल्कि उसका *प्रतिस्थापन* या *तबदील* है ।
बहुत सारे बार मुसल्मान लोग मसीहों के पास आकर यह कहते हैं कि जिस ख़ुदा की उपासना तुम करते हो, उसी ख़ुदा की उपासना हम भी करते हैं, यानी हम दोनों का ख़ुदा एक ही है।
इस बात को सुनने के बाद बहुत सारे मसीही लोग उसे टालदेते हैं । लेकिन कुछमसीही लोग जो इस विषय के बारे में अज्ञान हैं उसे सच मानकर बैठते हैं।
इसीलीए हमें इस बात को जानना बेहद ज़रूरी है । तो आइये हम इस बात को पुरी तरह से जाँचेंगे।
*(2)- अल्लाह शब्द का अर्थ क्या है ?*
अल्लाह शब्द अरबी भाषा का है, और अरबी भाषा में उसका अर्थ है "निर्दिष्ट ख़ुदा"। अल्लाह शब्द अरबी भाषा में *"अल" और "इलाह"* शब्दों को जोड़ने से पैदा होता है। *"अल"* का अर्थ है - *"ख़ास या निर्दिष्ट"* और *"इलाह"* का अर्थ है - *"परमेश्वर" या "ख़ुदा"।* इसे आमतौर पर मुसल्मान लोग उन के ख़ुदा के लिए प्रयोग करते हैं। *अल्लाह* कोई एक नाम नहीं है। *कुरआन* में कहीं भी *परमेश्वर अपना नाम "अल्लाह"* नहीं बताया है।
इससे से हमें साफ़ - साफ़ पता चल रहा है कि "अल्लाह" शब्द एक नाम नहीं है, क्यों कि एक नाम को कोई भी दूसरे शब्दों में अनुवाद नहीं कर सकता । और *कुरआन या बाइबल* में हम ऐसा कहीं नहीं देखते हैं कि ख़ुदा ने यह कहा हो कि *"मेरा नाम अल्लाह है"।* और भी हैरत की बात यह है कि अगर हम *कुरआन* के *पुराने अनुवादों* को पढ़ते हैं तो उन में पाते हैं कि बहुत सारे अनुवादकों ने *"अल्लाह" शब्द को भी "ख़ुदा" या " गाढ" (अंग्रेज़ी) के शब्दों से अनुवाद करचुके हैं।*
इस से भी हमें पता चलता है कि *"अल्लाह"* शब्द एक नाम या "व्यक्तिवाचक संज्ञा" नहीं है, उस का अर्थ तो सिर्फ़ *"ख़ुदा"* है।
लेकिन इस बात से आज मुसल्मान लोग सावधान होगये हैं कि उन को परमेश्वर या ख़ुदा का नाम तक पता नहीं है। इस कारण से *"अल्लाह"* शब्द को ख़ुदा का नाम बता रहें हैं। पर सच यह है कि *अल्लाह या ख़ुदा* ने कभी भी, यह नहीं कहा है कि - *"मेरा नाम अल्लाह है"।*
*तो ख़ुदा का असली नाम क्या है?*
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क्या *ख़ुदा* ने कभी अपना *व्यक्तिगत या निजी* नाम बताया है? *जी हाँ* बाइबल में बताया है। आइये हम देखेंगे।
*बाइबल* में *परमेश्वर* अपना *व्यक्तिगत या निजी* नाम बयान किया है।
*मूसा नबी ने ख़ुदा से अपना नाम पूछा -*
*निर्गमन 3:13 -* मूसा ने परमेश्वर से कहा,"जब मैं इस्राएलियों के पास जाकर उनसे कहूँ, ‘तुमहारे पितरों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है’, तब यदि वे मुझ से पुछें, उसका कया नाम है? तब मैं उनको कया बताऊँ"?
तब परमेश्वर ने पेहले अपने अस्तित्व या वजूद बताया -
*निर्गमन 3:14 -* परमेश्वर ने मूसा से कहा, *"मैं जो हूँ सो हूँ"।*
हमेशा जीवित रहना परमेश्वर का वजूद या पहिचान या अस्तित्व है।
*उसके बाद परमेश्वर ने मूसा को अपना नाम बताया -*
*निर्गमन 3:15* फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा "तू इस्राएलियों से यह कहना, तुमहारे पितरों के परमेश्वर, अर्थात अब्राहम का परमेश्वर,इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर *"यहोवा",* उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेग, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा"।
परमेश्वर ने अपना नाम और भी बहुत बार बयान किया है ।
*यशयाह 42:8* " मैं *यहोवा* हूँ, मेरा नाम यही है ",
*यशयाह 48:2* " इस्राएल के परमेश्वर... जिसका नाम सेनाओं का *यहोवा है*..."
*निर्गमन 6:2* "परमेश्वर ने मूसा से कहा, " *मैं यहवा हूँ* "
*निर्गमन 20:2* " मैं तेरा परमेश्वर *यहोवा* हूँ "
तो हमें साफ़ - साफ़ पता चलरहा है कि *परमेश्वर* ने स्वयं अपने मुँह से यह स्वीकार किया है और बयान भी किया है कि अपना नाम *"यहोवा" है।*
यह नाम *"यहोवा" अत्यंत पवित्र* मना जाता है। इस नाम का उच्छारण करने से भी लोग ड़रते थे। इन वजहों के कारण - *अंग्रेज़ी बाइबल* में बहुत बार इस शब्द की जगह में - *"लार्ड़"* शब्द प्रयोग किया गाया है, लेकिन *"लार्ड़"* उसका अर्थ नहीं है, बल्कि उसका *प्रतिस्थापन* या *तबदील* है ।
Praise THE LORD
ReplyDeleteBrother thanks for information, kindly share these kind of GOD'S knowledge by his will and be blessed. Amen