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Monday 19 November 2018

fasting rules


 fasting rules
* ✝उपवास करने के नियम✝*

1. *भोर मे यानी कि सुबह के समय  3 A. M. बजे के बाद सबसे पहले तो अपने सिर पर प्रार्थना वाला तेल लगाओ और यह प्रार्थना करो "

 परमेश्वर पिता मैं आज उपवास करना चाहता हूं मेरी सहायता करो मेरे विश्वास को बढ़ाओ और मुझे सामर्थ दो यीशु मसीह के नाम में मांगता हूं* "

आमीन

2. *उपवास जब भी करें तो कोशिश करें गुप्त में रखें  क्योंकि परमेश्वर कहते हैं अपने धर्म के काम तुम किसी को दिखाने के लिए मत करो नहीं तो उसका प्रतिफल नहीं मिलेगा*


3. *उपवास में आप प्रार्थना और वचन में जितना समय हो सके  अधिक से अधिक दे क्योंकि जितना समय आप  परमेश्वर पिता को देंगे उतनी ही आपको सामर्थ मिलेगी जितना आप प्रार्थना या परमेश्वर की महिमा करेंगे*

4. *उपवास में हमेशा आनंदित रहो चेहरे पर उदासी ना रहे*

5. *उपवास में आप सिर्फ और सिर्फ परमेश्वर से सामर्थ मांगो और बोलो कि मेरे विश्वास को बढ़ा दो*

6. *अपने मन ही मन प्रभु का धन्यवाद करते रहो क्योंकि  धन्यवाद रूपी बलिदान ही सबसे बड़ा बलिदान है*

7. *अगर आपका  उपवास किसी विशेष उद्देश्य के लिए है  तो उस उद्देश्य के लिए परमेश्वर से रोकर अकेले में उपवास प्रार्थना करो*

8.  *एक गलती जो अक्सर उपवास में की जाती है और वह सबसे बड़ी गलती है कि जब आप उपवास करते हैं अपने शब्दों पर control  रखना बहुत जरूरी होता है व्यर्थ की बाते मत करो जितना हो सके कम से कम कम बोलना चाहिए किसी से ज्यादा बातचीत मत करो क्योंकि सबसे ज्यादा पाप हमारे शब्दों के द्वारा ही होता है*

9. *शैतान आपको विचलित कर सकता है वह आपको बिना वजह के झगड़े में या दूसरों का इस्तेमाल करके आपको गुस्सा दिला सकता है अपने धीरज को बनाए रखो और समझदारी से काम लो क्योंकि शैतान बहुत चालाक है उसकी चाल को समझो अगर कुछ सही न लग रहा हो तो उसी समय पवित्र आत्मा से सहायता मांगो*

10. *उपवास प्रार्थना करना कोई साधारण बात नहीं होती क्योंकि कुछ लोग इसे हल्के में लेते हैं और परमेश्वर को प्रसन्न करने के बजाय परमेश्वर को क्रोध दिला देते हैं*

 *प्रभु यीशु मसीह ने BAPTISM  लेकर खुद  40 दिन का उपवास किया जहां शैतान उनकी परीक्षा लेता रहा परंतु परमेश्वर से कौन जीत सकता है  अगर आप भी पवित्र शास्त्र नहीं पढ़ते और नहीं जानते तो शैतान आपको हरा देगा इसीलिए सबसे पहले हमारे पास परमेश्वर का वचन जिसे तलवार बताया गया है उसका हमारे पास में होना बहुत जरूरी है आपके अंदर परमेश्वर का वचन और परमेश्वर की सामर्थ दोनों का होना जरूरी है परंतु मैं दावे के साथ कहता हूं जो 40 दिन का उपवास कर सकता है वह कुछ भी कर सकता हैै क्योंकि वह शैतान पर जयवंत हो  जाएगा और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाता है*

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