Holy Spirit Experience पवित्र आत्मा अनुभव
अन्य भाषा के शब्दों को कैसे बड़ाये ? या अन्य भाषा के वरदान को कैसे प्राप्त करे?
1.स्तुति करके
2.प्रार्थना करके
3.प्रतिदिन संगति करके परमेश्वर के साथ।
2.प्रार्थना करके
3.प्रतिदिन संगति करके परमेश्वर के साथ।
God's Word for the sick - Jesus Bulata Hai International: Home
https://jessubulatahai.blogspot.com/2018/.../gods-word-for-sick.htm...
Jul 30, 2018 - God's Word for the sick बीमारों के लिए भगवान का वचन यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन
1.स्तुति करके
पहली बात जो मैं आप को बता रहा हु ये मेरा अनुभव रहा है मेरा जीवन का ओर मैंने दूसरे लोगो के जीवन मे भी इसे काम करते देखा है।
मेरी मम्मी की बात आपको बताता हु मेरी मम्मी को परमेश्वर ने अन्य भाषा के कुछ शब्दों को दिया था लेकिन वो शब्द निकलते नही थे ये प्रोब्लेम थी मेरी मम्मी की एक दिन मैं मम्मी के साथ प्रार्थना करने बैठा मैंने मम्मी को बोला मैं जैसा बोलू वैसा बोलना मैंने परमेश्वर की स्तुती और तारीफ कर रहा था थोड़े बहुत शब्द मैंने ओर मेरी मम्मी ने बोले थे की हमारे शब्द बदल गए ओर हम दोनो अन्य अन्य भाषा मे प्रार्थना कर रहे थे ओर मेरी मम्मी ने कहा की हाल्लेलुया शब्द और परमेश्वर की स्तुती करने मे बहुत ताकत है इसलिए ये मेरा अनुभव रहा है जीवन का की परमेश्वर की स्तुति अन्य भाषा के शब्दों को बढ़ाने ओर जो अन्य भाषा के शब्द जो भूल गये है उन शब्दों को वापस जुबान पर लाने मे मदत करती है।
पहली बात जो मैं आप को बता रहा हु ये मेरा अनुभव रहा है मेरा जीवन का ओर मैंने दूसरे लोगो के जीवन मे भी इसे काम करते देखा है।
मेरी मम्मी की बात आपको बताता हु मेरी मम्मी को परमेश्वर ने अन्य भाषा के कुछ शब्दों को दिया था लेकिन वो शब्द निकलते नही थे ये प्रोब्लेम थी मेरी मम्मी की एक दिन मैं मम्मी के साथ प्रार्थना करने बैठा मैंने मम्मी को बोला मैं जैसा बोलू वैसा बोलना मैंने परमेश्वर की स्तुती और तारीफ कर रहा था थोड़े बहुत शब्द मैंने ओर मेरी मम्मी ने बोले थे की हमारे शब्द बदल गए ओर हम दोनो अन्य अन्य भाषा मे प्रार्थना कर रहे थे ओर मेरी मम्मी ने कहा की हाल्लेलुया शब्द और परमेश्वर की स्तुती करने मे बहुत ताकत है इसलिए ये मेरा अनुभव रहा है जीवन का की परमेश्वर की स्तुति अन्य भाषा के शब्दों को बढ़ाने ओर जो अन्य भाषा के शब्द जो भूल गये है उन शब्दों को वापस जुबान पर लाने मे मदत करती है।
2.प्रार्थना करके
अन्य भाषा के शब्द यदि आप बढ़ाना चाहते हो तो प्रार्थना करके मांगे की परमेश्वर पिता मेरे अन्य भाषा के शब्द को बढ़ाये। मैंने ऐसा ही किया था इसलिये मेरे अन्य भाषा के शब्द धीरे धीरे बढ़ते चले गए मैं आज भी परमेश्वर पिता से प्रार्थना करता हु की मुझे अन्य भाषा के नए शब्दों को दे। मैं परमेश्वर पिता का धन्यवाद करता हु की परमेश्वर ने मुझे अन्य भाषा के बहुत नए शब्द दिए लेकिन मैं आज भी नएअन्य भाषा के शब्दों को मांगता हु।
3.प्रतिदिन संगति करके परमेश्वर के साथ।
याद रखे जो भी शब्द आपको मिले हो अन्य भाषा के उन शब्दो
को रोज बोले। यदि उन शब्दों को भूल गए हो तो स्तुति करे परमेश्वर की आपकी जीभ खुद स्तुति करते करते बदल जायेगी ओर आप भी अन्य अन्य भाषा बोलने लग जाओगे
मेरा ये अनुभव है की जब मैं परमेश्वर की स्तुती करता हूं परमेश्वर की तारीफ करती हूं तो कुछ शब्द बोलने के बाद ही मेरी जीभ से खुद ब खुद अन्य भाषा निकलने लगती है।
मैं अन्य भाषा मे प्रार्थना करने के महत्व ओर मूल्य को जानता हु की ये कितना कीमती है अन्य भाषा का वरदान ये मुझे 3 साल बाद मिला इसके लिए मैंने कई बार उपवास किये ओर बहुत कुछ किया लेकिन आखिर मे एक दिन परमेश्वर ने मेरी प्राथना को सुन लिया ओर अन्य भाषा का वरदान दिया इसलिए मैं आज अन्य भाषा मे प्रार्थना करना बहुत पसंद करता हु ओर जब जब मैंने अन्य भाषा मे प्रार्थना ज्यादा से ज्यादा की तब तब मुझे अनेक आत्मिक दर्शन आत्मिक अनुभव मिले।
याद रखे जो भी शब्द आपको मिले हो अन्य भाषा के उन शब्दो
को रोज बोले। यदि उन शब्दों को भूल गए हो तो स्तुति करे परमेश्वर की आपकी जीभ खुद स्तुति करते करते बदल जायेगी ओर आप भी अन्य अन्य भाषा बोलने लग जाओगे
मेरा ये अनुभव है की जब मैं परमेश्वर की स्तुती करता हूं परमेश्वर की तारीफ करती हूं तो कुछ शब्द बोलने के बाद ही मेरी जीभ से खुद ब खुद अन्य भाषा निकलने लगती है।
मैं अन्य भाषा मे प्रार्थना करने के महत्व ओर मूल्य को जानता हु की ये कितना कीमती है अन्य भाषा का वरदान ये मुझे 3 साल बाद मिला इसके लिए मैंने कई बार उपवास किये ओर बहुत कुछ किया लेकिन आखिर मे एक दिन परमेश्वर ने मेरी प्राथना को सुन लिया ओर अन्य भाषा का वरदान दिया इसलिए मैं आज अन्य भाषा मे प्रार्थना करना बहुत पसंद करता हु ओर जब जब मैंने अन्य भाषा मे प्रार्थना ज्यादा से ज्यादा की तब तब मुझे अनेक आत्मिक दर्शन आत्मिक अनुभव मिले।
Note:ये मेरा खुद का अनुभव रहा है ओर इन बातो को मैंने अपने जीवन मे ओर दूसरे लोगो के जीवन मे काम करते देखा है इसलिये ये थोड़ी बहुत बाते मैंने आपको बताई है अनुभव के आधार पर है।
No comments:
Post a Comment