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Thursday 2 August 2018

Story of God


Story of God परमेश्वर की कहानी 

हजारों साल पहले पवित्र शास्त्र में भविष्यवक्ताओं ने लिखा की परमेश्वर पापियों को बचाने और अपने साथ मेल मिलाप करने के लिए मसीह को भेजेंगे |

यीशु का जीवन स्पष्ट रीति से यह बताता है कि वह वही उद्धारकर्ता है जिन्हें भेजने के लिए परमेश्वर ने वचन दिया 
भविष्यवक्ता यशायाह ने कहा कि एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र को उत्पन्न करेंगी और ऐसा ही हुआ भी 
परमेश्वर के सामर्थ से मरियम जो एक कुंवारी थीं गर्भवती हुईं और उन्होंने यीशु को जन्म दिया | जैसा शास्त्र वचन में लिखा है उनका अद्भुत रीति से जन्म लेना परमेश्वर की ओर से यह  चिन्ह है कि वह बालक जो जन्मा हैवह मसीह है, जिसे परमेश्वर अपना पुत्र कहते हैं

जब लोगों ने यीशु को देखा तो उन्होंने उनमें परमेश्वर के चरित्र और सामर्थ को देखा, उन्होंने लोगों को चंगाई दी और उनके पापों को क्षमा किया, उन्होंने लोगों से वादा किया कि उन्हें अनंतराज में स्थान मिलेगा |



यीशु ने अपना जीवन बलिदान किया और सब मनुष्यों का दंड स्वयं सहा | उन्होंने मृतकों मे से जी उठने के द्वारा यह प्रकट किया कि उनका सामर्थ मृत्यु की सामर्थ से कहीं ज्यादा है |

यीशु जो मसीह है, उन्होंने कहा कि मेरे पास अपने प्राण देने की भी सामर्थ है और साथ ही उसे वापस लेने की भीउनका जीवन बिल्कुल ऐसा था जैसा भविष्यवक्ताओं ने मसीह के विषय में लिखा था

इस बात का पक्का प्रमाण कि परमेश्वर का वचन पूर्णतः पवित्र, सत्य और कभी ना बदलने वाला है | यीशु ही परमेश्वर का वचन है | परमेश्वर यीशु के द्वारा अपने आप को लोगों को प्रकट करते हैं 

यीशु हमें परिपूर्ण जीवन देने आए हैं | आदि में परमेश्वर ने आदम और हवा की रचना की थी ताकि वह उनकी उपस्थिति में आनंद से रह सके, लेकिन उन्होंने परमेश्वर पर अविश्वास किया और उनकी आज्ञा को ना माना

उस लज्जाजनक कार्य ने उन्हें परमेश्वर से अलग कर दिया | पवित्र शास्त्र में लिखा है कि सभी मनुष्यों ने पाप किया है और पाप का परिणाम मृत्यु है | जो लोग पाप करते हैं वह परमेश्वर के साथ संगति नहीं कर सकते

जिस प्रकार परमेश्वर ने एक भेड़ अब्राहम के पुत्र के जगह पर मरने के लिए उपलब्ध कराया इसी प्रकार परमेश्वर ने यीशु को आदम के वंशजों के बदले मरने के लिए भेजा | उन्होंने यह इसलिए किया क्योंकि जो कोई भी यीशु पर विश्वास करते हैं वह उनकी उपस्थिति में सकते हैं

इसलिए जो कोई यीशु के पीछे चलते हैं वह पाप के दंड से छुटकारा पा कर सदैव परमेश्वर के साथ रहेंगे | जब यीशु मुर्दों में से जी उठे तो उन्होंने अपने चेलों से कहा हर राष्ट्र में मेरे नाम से लोगों में यह प्रचार किया जाएगा कि परमेश्वर उनके अपराध क्षमा करते हैं


जो अपने पापों को छोड़कर उनकी और फिरेंगे | यीशु ने यह भी कहा कि परमेश्वर पवित्र आत्मा को भेजेंगे क्योंकि उनके चेलों के साथ रहे और उनको सामर्थ दें क्योंकि वह परमेश्वर के मार्ग पर चल सके | जब एक पापी स्त्री ने अपने पापों से मन फिराया और यीशु के पीछे चलना शुरू किया तब यीशु ने उससे कहा कि तेरे पाप क्षमा हुए | तेरे विश्वास ने तुझे बचा लिया | यीशु ने कहा कि जब लोग पूर्ण सच्चाई से परमेश्वर  से प्रेम करते हैं तो उन का प्रमाण है कि परमेश्वर ने उनके अपराध क्षमा कर दिए |
जो यीशु का शिष्य बनने का निर्णय लेते हैं वह यीशु के साथ अपने संबंध की शुरूआत इन शब्दों के अनुसार कर सकते हैं |

"पिता परमेश्वर अाप धर्मी है, मैं धन्यवाद करता हूं कि आप मुझसे प्रेम करते हैं, मुझे इस बात का पछतावा है कि मैंने आपकी आज्ञाओं को नहीं माना और आपके विरुद्ध पाप किया | मैं धन्यवाद देता हूं कि आपने यीशु को मेरे बदले क्रूस पर मरने के लिए भेजा और वह तीसरे दिन जी उठे | मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरे पापों का दंड स्वयं सहा, मैं आप के मार्ग पर चलना चाहता हूं और यीशु को अपने उद्धारकर्ता और प्रभु के रूप में ग्रहण करता हूं | मैं धन्यवाद देता हूं कि आपने मेरे पापों को क्षमा किया और हमेशा के लिए अपने साथ और अपने राज्य में रहने के लिए द्वार खोल दिये | मैं विनती करता हूं कि अपना पवित्र आत्मा मुझे दे ,ताकि वह मेरे साथ रहे और मुझे आपका मार्ग दिखाएं और वह मुझे सामर्थ दें ताकि मैं अपने पूरे मन से आपसे प्रेम रख सकूं ,ताकि मैं ऐसा जीवन जियूं कि जैसा आपको पसंद हो और इस दुनिया में हर जगह लोग आपकी स्तुति करें " |

                                                            आमीन



यीशु ने अपने शिष्यों के बारे में कहा कि मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं और मैं उंहें जानता हूं और वह मेरे पीछे चलती हैं | यीशु के शिष्य आपस में मिलते हैं | वह हर रोज उनसे बातें करते हैं, उनके वचन को पढ़ते हैं | वह उनके हमेशा ही शिक्षाओं को मानते हैं और अनुसरण करते हैं | यीशु उनके मार्गदर्शक और परमेश्वर का आत्मा जो उनके हृदय में रहता है , उन्हें सामर्थ्य प्रदान करता है | हमेशा उसे याद रखें जो यीशु ने उनके स्वर्ग पर उठाए जाते समय कहा-" परमेश्वर ने मुझे समस्त स्वर्ग और पृथ्वी का अधिकार दिया हैे, विश्वास रखें कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ इस जगत के अंत तक हूं" | 
                                    
                                               आमीन

1 comment:

  1. Pita putra pavitra aatma ko mujhe smjhaiye kya khuda tin hai

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